Saturday, January 4, 2014

जिम्मेदार ,,,कर्णधार


अब तो सोच लो पहरेदारो,जागो,,जागो,,,मेरे हिन्दुस्तानी भाइयो!इज्जत के साथ अपने सर पर मुकुट रखे खड़ा यह मुल्क क्यों शर्मिंदगी महसूस कर रहा हे,,कोन हे जिम्मेदार,,कोन इसे मजबूर कर रहा हे,,!अब आगे का पड़ाव क्या होगा ,क्या हो सकता हे ,यह सोच कर दिल किलकारिय मार रहा हे!दिल रो रहा हे डर के मरे की कुछ भी हो सकता हे!बीते समय को हम भूतकाल कहते हे,चल रहे समय को वर्तमान कल एवं आने आले को भाविस्यत्काल !भुतकाल से तो हम सब वाकिफ हे ,चल रहा समय तो देख कर हमारी आंखे भी शर्मिन्दा हे,पर आने वाले समय की सोचकर और ज्यादा दर लग रहा हे!विदेशियों की लुट खसोट के बाद अपना जमीर कायम रखे देश आज़ाद हुआ ही था ,कि दोनों तरफ से दुश्मनी परवर्ती वाले देशो से घिरा यह देश सुरक्षा के कुछ इंतजाम कि सोचने लगा ,,सुरक्षा सोदे हुए बोफ़ोर्स के लिए!उसे भी इस गाँधी परिवार ने नहीं बक्शा और देश के बड़े घोटाले के साथ ,,,घोटालो का सुभ मुहूर्त किया!घोटालो कि चलती रह का दामन थामा,और दिग्गज उन गूंगे पशुओ का चारा गटक गए!उनका हक़ जो बेचारे बोल तक नहीं सकते कि उन्हें भूख या प्यास लगी हे!उन्हें भी नहीं बक्शा!मगर वक्त के पल नहीं रुकते,,भगवन सभी खातो कि खतोनी कर रहा हे,,,,वो कभी नहीं भूलता ,उसे सब याद हे! वो सबका लोकायुक्त हे!भाइयो इस लंका में सब ५२ गज के हे,,कोई किसी से कम नहीं !पीछे वही रहा एवं इमानदार वही हे ,,जिसे मोका ना मिला हो !देश की सुरक्षा सेवाओं से जुड़े कई दिग्गजों ने अपना लक्ष्य भूल कर जमींने बेच डाली!देश में गरीबी ,भ्रस्टाचार,गिरती विकाश की दर,किसी बात का ध्यान न रखते हुए इन बेशर्मो ने तो रस्त्रमंडल खेलो में एवं २ जी स्पेक्ट्रुम में तो इन्होने हद ही कर दी!इन कर्णधारो ने देश को लुट-लुट कर सारा पैसा विदेशियों के पास जमा करा दिया ,,अब हम सोच सकते हे की इन पर कितनी बड़ी जिम्मेदारी हे और ,,ये कितने गेर जिम्मेदार हे!इनके कंधो पर देश की जिम्मेदारी को ये किस तरह निभा रहे हे!
पर दुःख की बात तो ये सोचकर उठती हे की फिर भी हम इन्हें बार -बार मोका दे रहे हे !और ये बाज आ नहीं सकते !दोस्तों इन सब कारणों के चलते अब रूपये का मूल्य गिर गया!डॉलर की कीमत ५३ रूपये को पार कर गई और यह बहुत दुःख की बात हे !क्योकि यह ओद्योगीक उत्पादन में एवं आर्थिक गति को और कमजोर कर सकता हे !यदि ये गिरावट ज्यादा समय तक रहती हे तो भयानक प्रभाव छोड़ सकती हे!समय रहते सही कदम उठाने जरुरी हे!विदेशी यह से खूब आयत कर रहे हे! पर भारतीयों को सोचना पड रहा हे की वो किस तरह आयात -निर्यात करे,!विदेशो से कहह माल खरीदते समय सोचना पद रहा हे,,जबकि वो लोग आराम से खूब आयात कर रहे हे भारत से! उद्योग जगत से जुड़े व्यापारियों के लिए बहुत सोच की घडी हे!भगवन करे ये स्थति जल्दी उबार जाये !
पर यह कड़वा सच हे भाइयो की स्वार्थी बाज आने वाले नहीं हे,,इनकी कानो पर जू नहीं रेंगने वाली हे!इन्हें किसी की परवाह नहीं हे,,इन्हें तो सिर्फ अपना उल्लू सीधा करना हे,,स्विस बैंक के खाते भरने हे,,विदेशो में कंपनी लगानी हे,,,!और अब तो आगामी चुनावों के बिगुल सुनाई देने लगे हे , सेमी फ़ाइनल की तैयारिया सुरु हो गई हे!पेसो का बहना तेज गति पर हे!आप सब वाकिफ हे!
आब में आप सभी हिन्दुस्तानी भाइयो से सिर्फ इबादत ही कर सकता हु ,,कि आखिर हम हिन्दुसतनी हे ,,यह मुल्क हमारा हे संभलकर इसे बचाते हुए चले ,फुक फुक कर कदम रखे ,सभी को समझकर ,उनकी करतूते यद् रख के अपने मताधिकारो का प्रयोग करे और अच्छे देश भक्त लोगो को मोका दे ..जिससे ये देश बच जाये!
जय हिंद,,,,,,,, जय भारत,,,,,,,,,
मै ,मेरी ज़िन्दगी और मेरा देश ......
रमेश भाई आंजना

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