Saturday, January 18, 2014

ये वक्त का तमाशा हे

वक्त आपको भी जनता हे और वक्त हमें भी जनता हे
ये वक्त का तमाशा हे ,,, वक्त सबको जनता हे
आप हमें जानते हो ,,, हम आपको जानते हे
सब सबको जानते हे ,,, वक्त को कोई नहीं जनता
जरुरी हे वक्त को वक्त से पहले जानना
जब तक कि यह हमारा हिसार कर दे
जकड के थम लो बाह इसकी
कही हम इससे पीछे ना रह जाये
पता नहीं कोनसा उसूल हे यह इस दुनिया का
कि ,,,,
कहना तो सब जानते हे ,,,,,
मगर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
करना कोई नहीं जनता हे
             आर . बी . आंजना

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