""नए साल की एक नई सीख""
(एक समाज -एक नाम)
""हिंदुस्तान""
में गर्व से कहता हु की मेने हिंदुस्तान में जन्म लिया !और में भाग्यशाली हु की में आंजना हु!
जिस तरह संसार के नक़्शे में हिंदुस्तान की एक अनोखी जगह हे,एवं अलग ही पहचान हे!
वही स्थति हिंदुस्तान में आंजना समाज की हे !
पुरे संसार में ये मुल्क अपनी पहचान रखता हे,जिसे सुरों.वीरो.महात्माओ,देवी - देवताओ की एवं संतो की ,शांति,संयम,एवं पवित्र भूमि के नाम से जाना जाता हे !हर देश अपनी अपनी पहचान बनाने में अपनी -अपनी पुरजोर कोशिस कर रहा हे!अमेरिका अंपने डॉलर की ताकत से जाना जाता हे ,जापान अपनी तकनिकी के कारण,छोटा सा देश इजरायल बड़े-बड़े देशो को लोहा मनवाता लेता हे,तो चीन अपनी आर्थिक स्तिथि को मजबूत करके अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा हे!लेकिन हमारा ये मुल्क सबसे ऊपर हे,सबसे शिखर पर अपना अस्तित्व रखता हे,क्योकि हमारी असीम ताकत हे हमारी सभ्यता ,संस्कृति,परिवारवाद ,मैत्रीपूर्ण भावना ,अनेकता में एकता की भावना,हजारो धर्म,हजारो जातिया,लाखो बोलिया,लाखो वेश,एवं गावो का देश................!
और देश की बढती तकनिकी एवं आर्थिक स्तिथि की बात करे तो हम आज एक बहुत अछे पायदान पर हे!कई देशो के साथ अच्छी -अच्छी डील हुई हे और जारी हे,विकाश की गति अपने रफ़्तार पर हे!ये हमारी ताकत हे की जिन्होंने २०० साल तक जिस मुल्क पर राज किया वो आज यहाँ आकर विकाश करने एवं आगे बढ़ने के तरीके हमसे सिख रहे हे!
इन सब अनोखी विशेस्ताओ के कारण आज भी ये ऋषि -मुनियों की पवित्र धरती सबसे प्यारी हे...यह देश सबसे पवित्र एवं प्यारा हे!!!!!!
""आंजना""
सोने पे सुहागा तो तब होता हे जब कोई इतना प्यारा मुल्क हो और उस मुल्क में इसी तरह की खास विशेस्ताये लिए कोई समाज हो ...जिसे दुनिया आंजना कहती हे!आज से करीब-करीब २५०० साल पहले वैदिक आर्यों के युग में भी इस समाज की एक अलग पहचान थी ,चाहे क्षत्रियता की बात हो,शांति एवं संयम की बात हो,या मेहनत करके पेट भरने की बात हो !और चलती घडी के काँटों एवं बदलते हुए समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली ये समाज आज भी उन्ही आदर्शो पर चलती हे एवं उन विशेस्ताओ को बरकरार रखे हुए हे!यही कारण हे की यह समाज हिंदुस्तान में शांति,संयम, एकता ,मेहनत ,सभ्यता , संस्कृति एवं अपनी क्षमाँदान की भावना के लिए जानी जाती हे!
इतना ही नहीं ,हिंदुस्तान के विकाश की सीढ़ी में भी चार चाँद लगाकर विकाश की रफ़्तार को तेज़ कर रही हे!चाहे पशुपालन हो,खेती हो,या हर तरह का व्यापार हो,हर जगह भारत के विकाश में अपनी अहम् भूमिका निभाती हे ये समाज!
हमें गर्व हे की हम हिन्दुस्तानी हे ,,, और हम भाग्यशाली हे की हम आंजना हे !
क्योकि ये दोनों गोरव हमारे हिस्से में हे!
आंजना बंधुओ ,इन तथ्यों को उजागर करने के पीछे मेरा मकसद हे की इतनी अच्छाइयो के बिच,कुछ और अछे तथ्य हे जो बहुत जरुरी हे और वो सत्य हे,,,उन्हें क्यों नाकारा जाये.!क्योकि ,,जब कोई इतना प्यारा इतिहास एवं अछ्छाइया पढ़े और एसे तथ्य जो हकीकत से रूबरू करते हो और सत्य हो तो जेठ के महीने में आँखों में सावन का आना नजमी हे !में मेरे शब्दों का मकसद साफ़ करता हु कि....आंजना बंधुओ .फिर क्यों हम अलग-अलग नामों से जाने जाते हे,कही कलबी,कही पटेल,कही पाटीदार,कही चौधरी,कही देसाई, कही पीटल,कही पाटीदार चौधरी,कही आंजना ,,,,,,,,तो कुछ बंधू तो अपने नाम के साथ अपनी गोत्र लगाते हे !
क्या हमारी समाज एक नाम पर नहीं आ सकती???
क्या हम एक नाम से नहीं जाने जी सकते ???
क्यों नही ,,हो सकता हे,,,एक नाम से हम जाने जा सकते हे ,,,??
आंजना बंधुओ हमारा मकसद कोई एक नाम के पीछे टाइटल लिखना नहीं हे,,इसके पीछे कई उपयोगी तथ्य हे,जो हमारे लिए आज भी उपयोगी हे और आने वाले समय में भी उपयोगी सिद्ध होंगे !
नए साल की नई उम्मीद,नई किरण,नया सवेरा,नई आशाए एवं नए समय से नई सिख लेते हुए नए साल की मुबारकबाद देते हुए, सभी आंजना बंधुओ से हाथ जोड़कर सभी से विनती करते हुए एवं सहयोग कि उम्मीद करते हुए मेरे शब्दों को विराम देता हु !!!!!!!
नया साल आप सभी के लिए एक नया सवेरा लाये,नई उम्मीद एवं नई सिख दे,जहा हे उससे भी आगे बढ़ने का जोश ,जज्बा,एव जूनून दे,,,,,,,
कल जहा थे,उससे कुछ आगे बढे,,,
अतीत को ही सही,थोडा भविष्य को भी पढ़े,,,,
गढ़ा तो था सुनहरा इतिहास ,हमारे पुरखो ने,,,
आओ उससे आगे का हम इतिहास गढ़े,,,,,,,,,,,
आओ उससे आगे का हम इतिहास गढ़े,,,,,,,,,,,
नया साल आप सभी के लिए एक नया सवेरा लाये,नई उम्मीद एवं नई सिख दे,जहा हे उससे भी आगे बढ़ने का जोश ,जज्बा,एव जूनून दे,,,,,,,
कल जहा थे,उससे कुछ आगे बढे,,,
अतीत को ही सही,थोडा भविष्य को भी पढ़े,,,,
गढ़ा तो था सुनहरा इतिहास ,हमारे पुरखो ने,,,
आओ उससे आगे का हम इतिहास गढ़े,,,,,,,,,,,
आओ उससे आगे का हम इतिहास गढ़े,,,,,,,,,,,
""""जय श्री राजेश्वर """"
में देश प्रेमी,समाज प्रेमी,एवं इंसान प्रेमी व्यक्ति हु!
मेरे विचारो के एवं लेखनी के हुकुम का गुलाम हु !इसलिए मेरे लिखते हुए कोई गलतिया हुई हो तो माफ़ करे!उसे सही पढ़कर सुधार करे!
रमेश भाई आंजना
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