ना रहमती कि हे ,,,ना सहमति कि हे
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
ना अपनों कि ,,,, ना परयो कि ,,
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
कह कर वार करना कोई घाट नहीं ,,,
पर ,, बिन कहे वार करती हे दुनिया
साथ ना दे तो कोई बात नहीं ,,,
पर ,,,मंझधार में डुबोती हे दुनिया
नहीं चाहिए हमें रहमत किसी से ,,
मगर ,, बुलाकर शर्मिंदगी देती हे ये दुनिया,,
नहीं मरता कोई किसी कि जुदाई से
पर ,,, जानबूझकर जुड़ा करती हे दुनिया
कोई जरुरत नहीं हमें कि कोई ,,,,
हमारे मिलने कि दुआ करे ,,,
पर ,,, भूले हुओ को जरुर याद दिलाती हे दुनिया
किसी को क्या नुमाइश करे रमेश …
सियासते बाज़ार में सहायता मांगो तो ,,, सलाह मिलती हे
इंसान को बाँटने वाली यह दुनिया,,,,
नाज करती हे अपने इस काम पर ,,,
केसे नुमाइश करे हम इस दुनिया से ,,,
धर्म का चस्मा लगाकर घूमती हे यह दुनिया,,,
ना रहमती कि हे ,,,ना सहमति कि हे
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
ना अपनों कि ,,,, ना परयो कि ,,
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
आर . बी . आंजना
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
ना अपनों कि ,,,, ना परयो कि ,,
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
कह कर वार करना कोई घाट नहीं ,,,
पर ,, बिन कहे वार करती हे दुनिया
साथ ना दे तो कोई बात नहीं ,,,
पर ,,,मंझधार में डुबोती हे दुनिया
नहीं चाहिए हमें रहमत किसी से ,,
मगर ,, बुलाकर शर्मिंदगी देती हे ये दुनिया,,
नहीं मरता कोई किसी कि जुदाई से
पर ,,, जानबूझकर जुड़ा करती हे दुनिया
कोई जरुरत नहीं हमें कि कोई ,,,,
हमारे मिलने कि दुआ करे ,,,
पर ,,, भूले हुओ को जरुर याद दिलाती हे दुनिया
किसी को क्या नुमाइश करे रमेश …
सियासते बाज़ार में सहायता मांगो तो ,,, सलाह मिलती हे
इंसान को बाँटने वाली यह दुनिया,,,,
नाज करती हे अपने इस काम पर ,,,
केसे नुमाइश करे हम इस दुनिया से ,,,
धर्म का चस्मा लगाकर घूमती हे यह दुनिया,,,
ना रहमती कि हे ,,,ना सहमति कि हे
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
ना अपनों कि ,,,, ना परयो कि ,,
दुनिया सिर्फ मतलब कि हे
आर . बी . आंजना