क्या लिखू इनके बारे में,,
सारे शब्द अधूरे लगते हे ,,,,
सोनियाजी इन्हें स्वदेशी ...
मगर बाबा रामदेव इन्हें विदेशी लगते हे..
एम् एन एस इन्हें स्वदेश प्रेमी,,,
मगर...
आर एस एस वाले इन्हें आतंकवादी लगते हे,,,,
राहुलजी कहते हे,,,
हिन्दुस्तान को हिन्दुओ से खतरा हे,,,,,
और ...
हिन्दुस्तान को उत्तर एवं दक्षिण भारत में
बाँटने वाले राज ठाकरे इन्हें अपने लगते हे....
क्या लिखू इनके बारे में,,
सारे शब्द अधूरे लगते हे ,,,,
भारत के आदर्श मोदीजी एवं नीतीशजी जेसे चेहरे..
इन्हें भ्रस्टाचारी लगते हे...
मगर....
राजा,कनिमोड़ी एवं कलमाड़ी ...
इन्हें सफ़ेद चेहरे लगते हे..
सोनिया जी की सर्जरी एवं...
इटली दोरो पर खर्च हुआ सरकारी पैसा इन्हें जायज लगता हे....
मगर....
भ्रस्टाचार में लिप्त इन सफ़ेद साधुओ को...
भारत में भ्रस्टाचार के विरुद्ध खर्च हुआ पैसा ...
नाजायज लगता हे....
अटलजी ,भागवतजी,एवं अन्नाजी ,,,,,
जेसे आदर्शो का बोलना ...
इन्हें ड्रामा लगता हे,,,,
मगर....
श्रीमान ........
दिग्विजय,कपिल,एवं तिवारी...जेसे
बडबोले इन्हें प्रवक्ता लगते हे....
कुछ राज्यों में हुए विकाश इन्हें खटकते हे...
वहा इन्हें घोटाले नज़र आते हे....
मगर........
बोफोर्स ,चारा घोटाला ,एवं २ जी स्पेक्ट्रम ,,
इन्हें जायज लगते हे.....
क्या लिखू इनके बारे में,,
सारे शब्द अधूरे लगते हे ,,,,
देश भक्तो एवं शहीदों की मुर्तिया ..
लगवाने की बात हो ....
तब पैसा ,जगह,एवं इनकी याद दास्त कमजोर हो जाती हे,,,,
मगर.....
गरीबो का पैसा छिनकर ....
जीते जी अपनी मुर्तिया लगवाना ...
इन्हें जायज लगता हे.....
देशको पीछे धकलने वाली ये सरकार ....
इन्हें कामयाब लगती हे,......
मगर....
हिंदुस्तान की तस्वीर बदलने वाले ,....
अटलजी जेसे आदर्श ...
आज भी इन्हें नाकामयाब लगते हे.....
मित्रो.....
किसी का पेट ना भरे ,,,या कोई भूख से मरे....
किसी का इलाज ना हो ,,,
या किसी के तन पे कपडा ना हो ...
इन्हें क्या मतलब.....
बस .....
इन्हें तो अपना उल्लू सीधा करना ही जायज लगता हे,,,,,
ये हकीकत हे...
खुद का स्वार्थ छोड़कर ....
सबकुछ इन्हें नाजायज लगता हे......
और ....
अब तो इन्हें ....
जनलोकपाल भी नाजायज लगता हे......
फिर हम भी भला क्या करे......
पंवार साहब.....
मजबूरन ....
ठोकपाल हमें भी जायज लगता हे ....
ठोकपाल हमें भी जायज लगता हे ....
माफ़ करो .......
क्या लिखू इनके बारे में.....
सारे शब्द अधूरे लगते हे....
सारे शब्द अधूरे लगते हे....
::रमेश भाई आंजना ::