भारत के इतिहास में एक एसा साल जो,सबसे ज्यादा गलत साबित हुआ भारत जेसे ही पवित्र देश के लिए,घोटालो का साल,भ्रस्ताचार के बढ़ावे का साल,थोक के भाव में गलत काम हुए,थोक के भाव कई सम्माननीय लोगो की इज्जत सरे आम मिटटी में मिली,लाखो की उम्मीदों पर बाढ़ आई,कई अच्छे ओहदों पर विराजमान सम्माननीय राजनेताओ ने गरीबो के पेसो से होली खेली,तो कई कांग्रेस के नेताओ की जुबान साल भर खूब चली बिना किसी लगाम एवं मर्यादाके! इस साल में एक इसे युग पुरुस का गाव की सरजमीं से उठ कर आना और सारे देश को गाँधी गिरी की यादे ताज़ा करवा देना और ,देश को कई उम्मीदे दे देना ,वाकई एक मिसाल कायम करना था!
15 जून १९३७ महारास्त्र के अहमद नगर के गाव भिंगार में हुआ,बाबु राव हजारे के सात बच्चो में सबसे बड़े,१९५२ में अपने परिवार के साथ रालेगन सिध्धि आये!७ सातवी तक पढाई की ,पढाई छोड़ के मुंबई में फुल बेचे,वह कई बार भ्रटाचार के खिलाफ पुलिस से झड़प भी हुई ,१९६३ में ड्राइवर के तोर पर सेना में भर्ती ती हुए ,१९६५ की लड़ाई का हिस्सा भी बने ,१९७५ में अपनी इच्छा से सेवानिवृति लेकर घर आ गए,१९८९ में विद्युत आपूर्ति का विरोध,१९९७ में जेल भी गए,१९९७-२००३ आर टी ई की लड़ाई लड़ी ,महारास्ट्र में इसे प्रभावी कराया,२००९ से जन लोकल की लड़ाई सुरु की !
इसे खतरनाक चल रहे दोर में इस महानायक ने एक उम्मीद की किरण जगाई,संभावनाओ के दीप जलाये ,एक एसे काम की लड़ाई जो इस देश को एक गर्त में ले जा चुकी थी,इन राजनेताओ के काले कारनामो से इस देश की जनता की उम्मीद एक खँडहर बन चुकी थी,गाँधीवादी विचारो के इस सक्श ने गांधीजी के रास्तो का अनुसरण करते हुए ,सर पर खादी गाँधी टोपी लगाये हुए ,जनता को एक कड़ी में बांध दिया,सभ्यता और संस्कर्ती ,परिवारवाद एवं एकता वाले इस देश की जनता का जमीर जगाया,और उन्हें रास्ता बताया,२०११ का यह घोटालो का ही साल रहा,२ जी स्पेक्ट्रम ,रस्त्रमंडल खेलो का घोटाला,और भी कई घोटाले ,मनो इस भ्रस्ताचारी सरकार का चरित्र ही बन गई थी!कभी राहुल जी ने हिंदुस्तान को हिन्दुओ से खतरा बताया तो कभी कपिल,तिवारी और दिग्विजय ने अपनी मर्यादाये पर की,मगर इन सभी को सांत रहकर जवाब देने वाले इस सक्श ने अपना रास्ता बनाया ,नेतिकता की लड़ाई लड़ी,सबसे बड़ी बात यही रही की इस देश ने कभी इतनी बड़ी तादात में लोगो का जमेअदा नहीं देखा ,बिना किसी हंगामे के ,पर इस बार हमने देखा की ,देश के हर कोने में लोगो ने अपनी खासियत दिखाई की हम हिन्दुस्तानी हे ,जो अपने आदर्शो पर चल के अपना जलवा दिखायेंगे,और वही हुआ.....हर जगह हमने देखा कोई पुलिस नहीं,कोई झगडा नहीं,कोई मारपीट नहीं,कोई तोड़फोड़ नहीं,कोई रोड बाधित नहीं,कोई हत्या नहीं ,कोई हिंसा नहीं ,,पर पक्का विरोध इनके काले कारनामो से बढ़ते इस भ्रस्ताचार का ,सारे देश की जनता ने एकजुट होकर अपना अहम् हिसा निभाया !सरकार के कुछ बड़बोलो की जुबान का भी इस शक्श ने गाँधीवादी तरीके से ही जवाब दिया न की वो ,,जो उनका नजरिया था!और इनका साथ देने में भी देश के कई आदर्श साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े पाए गए!पर हर बार अस्वासन का धोखा देकर ये सरकार वही करती रही जो इसने जिंदगी भर इस देश की जनता के साथ किया हे,कई समझोते हुए,कई गोस्थिया हुई,पर हर बार वही नतीजा आया,और इस देश की विश्वासी जनता हर बार इन झूठो पर विस्वास करती रही,,,और अंतिम पल में जाकर भी इस सरकार ने देश के दिल संसद में बैठकर भी अपना पहले से बना बनाया मसोदा जनता के सामने रखकर ,,इस सक्श को ही नहीं इस देश की १२७ करोड़ जनता को धोखा दिया ,संसार के सबसे मजबूत लोकतान्त्रिक देश के लोकतंत्र की आधी रात को इन लोगो ने हत्या कर दी!लोकतंत्र को मर दिया ....उस समय का संसद का नज़ारा मै आधी रात को बेठ के टेलीविसन पर देख रहा था की किस तरह ये लोग अपना नजरिया सामने ला रहे थे...और अंत में जाकर किस तरह पलट वार किया वो शायद मेने ही नहीं इस देश की जनता ने पहली बार ऐसा होते देखा होगा,,,,,,,,,मगर सावधान मेरे हिन्दुस्तानी भाइयो अब फेसला हमारे हाथ हे...कोई किसी नेता की निजी बात हम नहीं करते ,,हमारी लेखनी का काम हे सच लिखना और इसकी ताकत को समझकर इस पवित्र देश को बचाना.......नहीं तो ये लोग इसे मार देंगे.......२०११ के महायानक रहे अन्ना हजारे जी के विचारो का समर्थन करते हुए...इस देश की भलाई सोचना हमारा पहला कर्तव्य हे !धन्यवाद् ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जय हिंद जय भारत........................................!!!!!!!!
15 जून १९३७ महारास्त्र के अहमद नगर के गाव भिंगार में हुआ,बाबु राव हजारे के सात बच्चो में सबसे बड़े,१९५२ में अपने परिवार के साथ रालेगन सिध्धि आये!७ सातवी तक पढाई की ,पढाई छोड़ के मुंबई में फुल बेचे,वह कई बार भ्रटाचार के खिलाफ पुलिस से झड़प भी हुई ,१९६३ में ड्राइवर के तोर पर सेना में भर्ती ती हुए ,१९६५ की लड़ाई का हिस्सा भी बने ,१९७५ में अपनी इच्छा से सेवानिवृति लेकर घर आ गए,१९८९ में विद्युत आपूर्ति का विरोध,१९९७ में जेल भी गए,१९९७-२००३ आर टी ई की लड़ाई लड़ी ,महारास्ट्र में इसे प्रभावी कराया,२००९ से जन लोकल की लड़ाई सुरु की !
इसे खतरनाक चल रहे दोर में इस महानायक ने एक उम्मीद की किरण जगाई,संभावनाओ के दीप जलाये ,एक एसे काम की लड़ाई जो इस देश को एक गर्त में ले जा चुकी थी,इन राजनेताओ के काले कारनामो से इस देश की जनता की उम्मीद एक खँडहर बन चुकी थी,गाँधीवादी विचारो के इस सक्श ने गांधीजी के रास्तो का अनुसरण करते हुए ,सर पर खादी गाँधी टोपी लगाये हुए ,जनता को एक कड़ी में बांध दिया,सभ्यता और संस्कर्ती ,परिवारवाद एवं एकता वाले इस देश की जनता का जमीर जगाया,और उन्हें रास्ता बताया,२०११ का यह घोटालो का ही साल रहा,२ जी स्पेक्ट्रम ,रस्त्रमंडल खेलो का घोटाला,और भी कई घोटाले ,मनो इस भ्रस्ताचारी सरकार का चरित्र ही बन गई थी!कभी राहुल जी ने हिंदुस्तान को हिन्दुओ से खतरा बताया तो कभी कपिल,तिवारी और दिग्विजय ने अपनी मर्यादाये पर की,मगर इन सभी को सांत रहकर जवाब देने वाले इस सक्श ने अपना रास्ता बनाया ,नेतिकता की लड़ाई लड़ी,सबसे बड़ी बात यही रही की इस देश ने कभी इतनी बड़ी तादात में लोगो का जमेअदा नहीं देखा ,बिना किसी हंगामे के ,पर इस बार हमने देखा की ,देश के हर कोने में लोगो ने अपनी खासियत दिखाई की हम हिन्दुस्तानी हे ,जो अपने आदर्शो पर चल के अपना जलवा दिखायेंगे,और वही हुआ.....हर जगह हमने देखा कोई पुलिस नहीं,कोई झगडा नहीं,कोई मारपीट नहीं,कोई तोड़फोड़ नहीं,कोई रोड बाधित नहीं,कोई हत्या नहीं ,कोई हिंसा नहीं ,,पर पक्का विरोध इनके काले कारनामो से बढ़ते इस भ्रस्ताचार का ,सारे देश की जनता ने एकजुट होकर अपना अहम् हिसा निभाया !सरकार के कुछ बड़बोलो की जुबान का भी इस शक्श ने गाँधीवादी तरीके से ही जवाब दिया न की वो ,,जो उनका नजरिया था!और इनका साथ देने में भी देश के कई आदर्श साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े पाए गए!पर हर बार अस्वासन का धोखा देकर ये सरकार वही करती रही जो इसने जिंदगी भर इस देश की जनता के साथ किया हे,कई समझोते हुए,कई गोस्थिया हुई,पर हर बार वही नतीजा आया,और इस देश की विश्वासी जनता हर बार इन झूठो पर विस्वास करती रही,,,और अंतिम पल में जाकर भी इस सरकार ने देश के दिल संसद में बैठकर भी अपना पहले से बना बनाया मसोदा जनता के सामने रखकर ,,इस सक्श को ही नहीं इस देश की १२७ करोड़ जनता को धोखा दिया ,संसार के सबसे मजबूत लोकतान्त्रिक देश के लोकतंत्र की आधी रात को इन लोगो ने हत्या कर दी!लोकतंत्र को मर दिया ....उस समय का संसद का नज़ारा मै आधी रात को बेठ के टेलीविसन पर देख रहा था की किस तरह ये लोग अपना नजरिया सामने ला रहे थे...और अंत में जाकर किस तरह पलट वार किया वो शायद मेने ही नहीं इस देश की जनता ने पहली बार ऐसा होते देखा होगा,,,,,,,,,मगर सावधान मेरे हिन्दुस्तानी भाइयो अब फेसला हमारे हाथ हे...कोई किसी नेता की निजी बात हम नहीं करते ,,हमारी लेखनी का काम हे सच लिखना और इसकी ताकत को समझकर इस पवित्र देश को बचाना.......नहीं तो ये लोग इसे मार देंगे.......२०११ के महायानक रहे अन्ना हजारे जी के विचारो का समर्थन करते हुए...इस देश की भलाई सोचना हमारा पहला कर्तव्य हे !धन्यवाद् ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जय हिंद जय भारत........................................!!!!!!!!
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