वाह रे मेरे नापाक पडोसी ..
क्या तेरी हरकते हे
सब को कमजोर ...
मगर
खुद को तू सशक्त बताता हे
कभी तू पि ओ के में आता हे
तो,,,
कभी तिब्बत को अपना बताता हे
पर,,,,
हिंदुस्तान को तू कमजोर मत समझ,,
तुजसे निपटना हमें आता हे ....
इलेक्ट्रिक के खिलोने बनाके...
दुनिया का तू मन मोहता ...
मगर ,,,ए ...पडोसी ये मत भूल ...
कि.....
हम साथ ना देते तो .....
तेरा कोन होता .......
तुने कई बार गलत हरकते की...
अच्छे संबंधो को उधेडा हे ...
हर बार तुने सिक्किम एवं तिब्बत को
अपना बताया हे ...........
अपने नक़्शे बदलने की नापाक ...
कोशिस तुने की हे,,,,,,,,,
मगर ये मत भूल.....
की ............
हर बार तुजे हमने खदेड़ा हे ....
.
जय हिन्द.......जय भारत
रमेश भाई आंजना
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