कही जमीं पर भी पेड़ नहीं उगते ,,,,,
तो,,,,,,
कही पथ्थरो पर भी फुल खिल जाते हे.....
दोस्तों ,,,,
कुछ अपने भी पराये बन जाते हे ,,,,,
पर ,,,
कुछ पराये,,,,
और ,,
अनजाने भी अपने बन जाते हे .....
देखो इन्सान-इन्सान में फर्क.,,,,,
कुछ लोग पेट की भूख शांत नहीं कर पाते ,,,,
तो,,,,,
कुछ लोग मरते भी सोने में लिपटकर हे,,,,,,
दोस्तों,,,,,
यही उसूल बन गया हे इस दुनिया का,,,,,,
कि,,,,,
कुछ लाशो को कफ़न नसीब नहीं होता ,,,,
तो,,,,,
कुछ लाशो पर ताज महल बन जाते हे,,,,,,,,
.... रमेश भाई आंजना .......
तो,,,,,,
कही पथ्थरो पर भी फुल खिल जाते हे.....
दोस्तों ,,,,
कुछ अपने भी पराये बन जाते हे ,,,,,
पर ,,,
कुछ पराये,,,,
और ,,
अनजाने भी अपने बन जाते हे .....
देखो इन्सान-इन्सान में फर्क.,,,,,
कुछ लोग पेट की भूख शांत नहीं कर पाते ,,,,
तो,,,,,
कुछ लोग मरते भी सोने में लिपटकर हे,,,,,,
दोस्तों,,,,,
यही उसूल बन गया हे इस दुनिया का,,,,,,
कि,,,,,
कुछ लाशो को कफ़न नसीब नहीं होता ,,,,
तो,,,,,
कुछ लाशो पर ताज महल बन जाते हे,,,,,,,,
.... रमेश भाई आंजना .......
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welcome to my world . thanks to read , like , comments and your valuable support . please comments if you have any suggestion. kindly give your feedback and comment your ideas about you wants to know .
thanks.