इंसान कितना भोला हे,,,
जरुरत से ज्यादा सयाना हे,,,
खुद को ज्यादा,,,,
और,,,,,
इश्वर को कम आंकता हे ...
जो की इंसान को ....
पेसो से,,,,
बातो से,,,,
और हरकतों से,,,
हर कदम पे धोखा देता हे,,,
और पल भर की ख़ुशी से झूम जाता हे....
मगर...
ये इंसान .....
बिलकुल भूल जाता हे की,,,,,
ये ,,,कितना वाजिब हे,,,,,
हर एक पल ....
और .......
हर एक अपनी चाल ,,,,
हरकत.....
धोखा सभी का,,,,
इश्वर के दरबार में
हिसाब रहता हे,,,,
उसे ,,,इश्वर कभी नहीं छोड़ता ,,,
आज नहीं तो कल ,,,
कल नहीं तो परसों,,,,
हिसाब जरुर चुकाना हे ,,,
हम किसी सीधे इंसान को ,,
,धोखा देके,,,
खुश हो जाते हे,,,,,,,,,,,,
किसी के पेसे चुराके ,,,
कोई चीज चुरा के ,,,,
किसी की उधारी नहीं देके .......
किसी के साथ छल करके ,,,
हम खुश हो जाते हे,,,,
मगर ,,,,
हम यह भूल जाते हे की ,,,,
हम यह हरकत ,,,,,किसी इन्सान के साथ नहीं ,,,
बल्कि भगवान् के साथ कर रहे हे,,,
जो कभी माफ़ नहीं कर सकता,,,,
यह बात दिमाग से ही हमें निकल देनी हे,,,,
की ,,,,,,
हम जिस इन्सान को धोखा दे रहे हे ,,,
उसका कुछ फर्क पडेगा ,,,,
उसका भगवान् हमेशा ही भला करता हे ,,,,,
उसके घर में साईं बाबा हमेशा ,,,,
खुशियों की बहार लाता हे,,,,,,
इंसान भले ही धोखा दे ,,,
लेकिन इश्वर सब तोल मोल के देता हे,,,,,
और जो इंसान दुसरो को धोखा दे कर
अपना ,,,काम बनाते हे,,,,,,
उनके घर की हालत ...
.खुद अपनी आँखों से देख सकते हे .....
एसे इंसान जिंदगी के कुछ पल ...
जरुर ख़ुशी में काट सकते हे ,,,,
पर जिन्दगी की लम्बी गाड़ी ,,,,,,
उन्हें इतना दुःख देती हे ,,,,,
की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वो अपने परिवार और अपनी ,,,,,
जिंदगी की गाड़ी से हर जाते हे ,,,,
""दगा किसी का सगा नहीं
नहीं किया तो कर के देखो ....
और ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किया उनके घर देखो.......""
जय श्री राम,,,,,
जय श्री राम..
रमेश भाई आँजणा