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Saturday, May 23, 2020
Friday, May 22, 2020
दगा किसी का सगा नहीं
इंसान कितना भोला हे,,,
जरुरत से ज्यादा सयाना हे,,,
खुद को ज्यादा,,,,
और,,,,,
इश्वर को कम आंकता हे ...
जो की इंसान को ....
पेसो से,,,,
बातो से,,,,
और हरकतों से,,,
हर कदम पे धोखा देता हे,,,
और पल भर की ख़ुशी से झूम जाता हे....
मगर...
ये इंसान .....
बिलकुल भूल जाता हे की,,,,,
ये ,,,कितना वाजिब हे,,,,,
हर एक पल ....
और .......
हर एक अपनी चाल ,,,,
हरकत.....
धोखा सभी का,,,,
इश्वर के दरबार में
हिसाब रहता हे,,,,
उसे ,,,इश्वर कभी नहीं छोड़ता ,,,
आज नहीं तो कल ,,,
कल नहीं तो परसों,,,,
हिसाब जरुर चुकाना हे ,,,
हम किसी सीधे इंसान को ,,
,धोखा देके,,,
खुश हो जाते हे,,,,,,,,,,,,
किसी के पेसे चुराके ,,,
कोई चीज चुरा के ,,,,
किसी की उधारी नहीं देके .......
किसी के साथ छल करके ,,,
हम खुश हो जाते हे,,,,
मगर ,,,,
हम यह भूल जाते हे की ,,,,
हम यह हरकत ,,,,,किसी इन्सान के साथ नहीं ,,,
बल्कि भगवान् के साथ कर रहे हे,,,
जो कभी माफ़ नहीं कर सकता,,,,
यह बात दिमाग से ही हमें निकल देनी हे,,,,
की ,,,,,,
हम जिस इन्सान को धोखा दे रहे हे ,,,
उसका कुछ फर्क पडेगा ,,,,
उसका भगवान् हमेशा ही भला करता हे ,,,,,
उसके घर में साईं बाबा हमेशा ,,,,
खुशियों की बहार लाता हे,,,,,,
इंसान भले ही धोखा दे ,,,
लेकिन इश्वर सब तोल मोल के देता हे,,,,,
और जो इंसान दुसरो को धोखा दे कर
अपना ,,,काम बनाते हे,,,,,,
उनके घर की हालत ...
.खुद अपनी आँखों से देख सकते हे .....
एसे इंसान जिंदगी के कुछ पल ...
जरुर ख़ुशी में काट सकते हे ,,,,
पर जिन्दगी की लम्बी गाड़ी ,,,,,,
उन्हें इतना दुःख देती हे ,,,,,
की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वो अपने परिवार और अपनी ,,,,,
जिंदगी की गाड़ी से हर जाते हे ,,,,
""दगा किसी का सगा नहीं
नहीं किया तो कर के देखो ....
और ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किया उनके घर देखो.......""
जय श्री राम,,,,,
जय श्री राम..
रमेश भाई आँजणा
Important ways to loose weight
Now a days in this time of modern era peoples are very busy in jobs , business , meetings and all other family and social activities . no body have time to take care of self health also , and that resulting in to increasing body weight and health problems .
so if we take little bit of precautions that can save our life from many of the deseases related to body , food and health .
there are few very important ways to loose weight and be free from any type of desease.
- Always make and follow the proper meal descipline .
- Have breakfast on fixed time usually before 9 AM .
- Breakfast must be heavy with fruits and juice .
- Hot , warm water early in the morning when get up at least half ltr.
- Exercise daily early in the morning .
- Eat low carb foods.
- Avoid junk foods.
- Avoid any type of cold drinks.
- Sleep well .
- Take adequate and well rest .
- Avoid stress as you can.
- Use fasting 2 to 4 times in a month.
- Supplements regarding vitamins and protins .
- Maximum use of cearels .
- Maximum use of green vegetables.
- Maximum use of liquids.
- Be continues to any of activity like exercise and all.
- Eat when you feel hungry .
- Never take overdose meals.
- Avoid beer and liquor.
- Use tea in limits , it reduces diet.
- Make a check up chart and monitor your health.
- Make your own self made rules for health and follow them strictly.
- drink adequate water.
- Avoid water before and after meal for minimum 30 minuts.
- Never take a sigle type of food for a long time .
- Continue process of following yog and pranayam.
- Avoid continuous sitting on chair .
- Make your thinking and mind strong that thiese steps will help you.
- Follow these all steps wisely , intelligently and strictly .
thanks
Ramesh Bhai Anjan
आत्मा के सात शरीर होते हैं और जिन जिन परमाणुओं से वे सातों शरीर निर्मित होते हैं,
उन्ही-उन्ही परमाणुओं से सात लोकों का भी निर्माण हुआ है जो निम्न लिखित हैं-
स्थूल या भौतिक या पार्थिव
वासना या प्रेत
सूक्ष्म या प्राण
मनोमय
आत्म
ब्रह्म
निर्वाण
इन सातों लोकों से मनुष्य के सातों शरीरों का सम्बन्ध होता है जिनके प्रवेश द्वारा मानव शरीर में सात चक्र के रूप में विद्यमान होते हैं। ये चक्र प्रवेश के द्वार होने के साथ साथ शक्ति के केंद्र और पदार्थों के केंद्र भी होते हैं।
पहला
भौतिक शरीर और भौतिक जगत* का सम्बन्ध पृथ्वी तत्त्व से होता है जिसका आधार है--मूलाधार चक्र। शरीर में इसकी स्थिति मेरुदण्ड के निचले सिरे पर है।
दूसरा
वासना शरीर और वासना लोक(प्रेत शरीर)* का सम्बन्ध शरीरस्थित लिंगमूल के निकट स्वाधिष्ठान चक्र से होता है। इस चक्र में जल तत्व है।
तीसरा
सूक्ष्म शरीर और सूक्ष्म जगत* का सम्बन्ध नाभि स्थित मणिपूरक चक्र से है । इसमें अग्नि तत्व है।
चौथा
मनोमय शरीर और मनोमय जगत* का शरीरस्थित ह्रदय सेसंबंध है।यहाँ अनाहत चक्र होता है और इसका वायु तत्व से सम्बन्ध है।
पांचवां
शरीर और पांचवां लोक है-आत्मलोक*। इसका सम्बन्ध आकाश तत्व से होता है। इसका शरीर में कंठ स्थित विशुद्ध चक्र से सम्बन्ध है।
छठा
ल शरीर ब्रह्म शरीर है और छठा जगत है ब्रह्म जगत*। यहाँ तक आते आते सारे तत्व और पदार्थों का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। इस शरीर और इस लोक का सम्बन्ध है आज्ञाचक्र से। यह चक्र दोनों भौंह के मध्य है और इसीको तीसरा नेत्र भी कहते हैं।
सातवां
शरीर है निर्वाण शरीर और सातवां लोक है निर्वाण जगत* । इसका स्थान है सहस्रार स्थित ब्रह्मरंध्र।इसीमें एक विशेष प्रकार का द्रव विद्यमान जिसका आधुनिक विज्ञान आजतक पता नहीं लगा सका है। यहीं पर परम तत्व शिव के स्वरुप में विद्यमान है
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