आज आलम ठीक नहीं हे
ये फरमान मत सुनाना
जनाजो पर पाबंदी हे आजकल
मोत का फरमान मत सुनाना
बाजारे सियासत गरम हे फिलहाल
हर मसले को राजनीति मत बनाना
हर नफरत पर काबू यही पाती हे
तू मुहब्बत से मुह मत मोड़ना
यही तो एक आभूषण हे तेरा
बस अपनी मुस्कराहट मत छोड़ना
लाख ज़माना परेशान करे तुजे
तू अपना उसूल मत छोड़ना
जहा जाओगे मिल जाऊंगा रमेश
बस,, दुआ सलाम जरूर पूछते रहना
यही तो इंसानियत का खेल हे दोस्त
हर शक्श को अपना बनाके रखना
आर बी आँजणा
जय श्री राम
ये फरमान मत सुनाना
जनाजो पर पाबंदी हे आजकल
मोत का फरमान मत सुनाना
बाजारे सियासत गरम हे फिलहाल
हर मसले को राजनीति मत बनाना
हर नफरत पर काबू यही पाती हे
तू मुहब्बत से मुह मत मोड़ना
यही तो एक आभूषण हे तेरा
बस अपनी मुस्कराहट मत छोड़ना
लाख ज़माना परेशान करे तुजे
तू अपना उसूल मत छोड़ना
जहा जाओगे मिल जाऊंगा रमेश
बस,, दुआ सलाम जरूर पूछते रहना
यही तो इंसानियत का खेल हे दोस्त
हर शक्श को अपना बनाके रखना
आर बी आँजणा
जय श्री राम