Wednesday, October 15, 2014

माना  की  मै  नया  हु    ,इस   शहर में ईशा
पर कोई   शहर   नया   नहीं हे     , मेरे लिए

हां,  बेशक तू  मशहूर हे ईशा ,    तेरे शहर में 
कोई पहचानने वाला नहीं हे इस शहर में ,मेरे लिए

दोस्त हो या दुश्मन,कुछ यादे तो सबकी होती हे
पर दिल में आहो का समंदर हे  ईशा , तेरे लिए



यु तो कोई नहीं  दरकिनार  करता किसी को मेने कुछ सोचकर अपनों से बगावत की हे ईशा , तेरे लिए

तेरी जमीं परपैर रखाहे माँ कुछ तमन्नाओ के साथ
मानव सेवा का कायल हु में ,क्या सेवा हे मेरे लिए

कुछ अपनों व कुछ परायों के लिए बहुत आशाये हे मुझे  
तैयार  हु में, माँ ईशा, क्या आशीर्वाद हे मेरे लिए
                                    " आर बी आँजणा"
                                       09413885566

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