Friday, September 30, 2011

महिला सशक्तिकरण 

शिवाजी ने एक बार गोहर बनू से कहा था
की ------
जिस दिन हमारे देश की ओरते डरना छोड़ देगी 
उस दिन हमारे मुल्क की तरफ ....
कोई देख भी नहीं सकता !
सीना गर्व से फुल जाता हे जब हम किसी से कहते हे की हम हिन्दुस्तानी हे! १२१ करोड़ की जनसँख्या वाला ये मुल्क अपनी अनूठी विशेस्ताओ के लिए काना जाता हे ,सभ्यता,संस्कृति,परिवार  आदि!हम उस मुल्क के वासी हे जहा आज भी नारी में माँ दुर्गा का रूप देखा जाता हे ,जिसकी आराधना राम ने भी लंका पर आक्रमण के समय पहले की थी! एकबार जब महिसासुर के संग्राम में  सारे देवता हार गए थे ,उनका सब कुछ छीन गया था तब उन्होंने भगवन की शरण ली ,आपने सारे अस्त्र-सस्त्र एक जगह रखे और वह अनेको हाथो एवं सिरों वाली माँ दुर्गा प्रकट हुई एवं शेर की सवारी करके महिसासुर का वध किया,एवं महिसासुर मर्दानी कहलाई!मित्रो इस कहानी से में ये कहना चाहता हु की इस देश को मजबूत बनाने के लिए हमारे देश की महिलाओ को एकजुट होकर आगे आकर आपने अधिकारों एवं कर्तव्यो को जानना होगा और ये सब हासिल करने का माध्यम मुझे एक ही नजर आता हे वो हे शिक्षा!पढ़ -लिखा कर शिक्षित होकर ही ये सब मुमकिन हे!इनके लिए हमें आपनी सामाजिक सोच बदलनी बदलकर आगे आना होगा,क्योकि महिलाये शक्तिमयी हे ,इनके पास अधिकार हे,उन्हें हासिल करना होगा ,जिन्होंने पढ़ -लिख कर इनके लिए लड़ाई की उन्होंने हासिल किये,वो आगे बढ़ी !इसी की दें हे की आज हमारे मुल्क के सिर्स पद पर एक महिला असीं हे ,कई राज्यों पर भी महिलाये असीन हे!हमारे मुल्क की सरकार ने भी समय -समय इन्हें मजबूत करने के कई महत्वपूर्ण प्रयास किये हे ---जेसे-
  1. लेंगिक न्याय 
  2. व्यक्ति शब्द का अर्थ 
  3. स्वीय निधि
  4. महिलाओ को भरण-पोषण  भत्ता 
  5. गुजारा भत्ता कानून 
  6. घरेलु हिंसा अधिनियम 
  7. विवाह सम्बन्धी अधिकार 
  8. योन अपराध सम्बन्धी कानून 
  9. बलात्कार परिक्षण  सम्बंधित कानून 
  10. दहेज़ सम्बंधित कानून 
  11. कम करने की जगह पर छेड़छाड़ सम्बंधित कानून  
  12. स्वतंत्रता एवं समानता 
  13. लिंग परिक्षण-वैधानिक रूप से प्रतिबंधित 
  14. कन्या भ्रूण ह्त्या-एक अपराध 
  15. अंतररास्ट्रीय महिला दिवस का मनाया जाना  
दोस्तों हम सब जानते हे की हम २१ सदी में पहुच रहे हे!लेंगिग न्याय की दिशा में कोशीश की जाये तो बहुत कुछ किया जा सकता हे!केवल कानून बनाना, कानून की बाते करना एवं आन्दोलन करना ही काफी नहीं हे,इसके लिए हमें आपनी सामाजिक सोच को बदलना बेहद जरुरी हे!फिर भी यदि हम लेंगिग न्याय एवं समानता का सपना देखते हे तो ..दोस्तों आज नहीं तो कल ,कल नहीं तो परसों जरुर वहा हम   
                                                    मित्रो आगे आये भारत देश गावो का देश हे ,हमें सुरुआत गावो से ही करनी पड़ेगी ,आगे आये, आपनी जिम्मेदारी समझे  आपनी जगह पर जरुर कुछ करे!   
धन्यावाद मित्रो ......
आपका सहयोग सर्वोपरि होगा ...
में आपका आभारी हु ........
                                                                                 लेखक :-रमेश पटेल रानीवाडा                                                                        

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