Sunday, September 7, 2014

तुजे नशा किस  बात  का  हे  मेरे  दोस्त
यही कमाया हे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
यही छोड़कर जाने वाला हे !
तू रुशनास नहीं हे हकीकत ए जिंदगी से
मूर्खो की दुनिया में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आज तू राजा बनाने वाला हे   !  
                 आर बी आँजना


Wednesday, September 3, 2014

चली  गई वो  कमसिनी में ....
यु इतरा के ,,,,,,,,,
जाते जाते छोड़ गई ...........
एक तबस्सुम ,,,,,,,,,,,,,,,,,!

              गुड मॉर्निंग मित्रो
                आर बी आँजना

Sunday, August 31, 2014

शोहरत की बुलंदी तो कुछ पल का तमाशा हे बन्दे ,,,
जरा संभल के बैठना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जिस डाल पे बैठे हो ,,,वो टूट भी सकती हे .......?
हर तरफ खूँरेजी ,,और नफरत के शोले क्यों भड़क रहे हे ?
इंसान तो पहले भी वही था ,,,और आज भी वही हे .!

                                          आर बी आँजना

Saturday, August 30, 2014

हा ,,,,यह सच हे कि,,,
मै,,,,,,,,,,,,
मेरी छाया को पकड़ नही सकता
पर यह भी  सच हे कि .........
यदि मै ,,,,,,,,,
खुद को पकड़ लू तो,,,,,
छाया खुद ब खुद
पकड़ मे आ जाएगी ,,, !
           
                 आर बी आंजना
हस्ते चेहरों को देख
अक्सर  हम सोचते हे
वह क्या जिंदगी हे ....
पर ,,,,,,
यह जरुरी नहीं की
उनके दुःख ना हो
जो दुनिया के सामने
रोया  नहीं करते  ...
      आर बी आँजना

Friday, August 29, 2014

वो कागज की कस्ती
 वो गांव की बस्ती
वो हंसी ,,, वो खेल
वो  मस्ती ,,वो नादानी
क्या वो बचपन था
छोड़ के सब ,,,,,
निकले थे शहर  हो
सपने सजाने
आज घर ही ,,,,
एक सपना बन गया
छीन  लो मेरी धन दौलत
तैयार हु में .....चाहे
छीन लो मेरी जवानी
मुझे मेरा बचपन लोटा दो

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...