क्षितिज के छोर के, ,,, स्वर्णिम उजाले के ,लिए,,,,
जिंदगी चलती रहती हे,,,,,भोर लाने के लिए,,,,,,,,
"""""सुप्रभात मित्रो """"""
जिंदगी चलती रहती हे,,,,,भोर लाने के लिए,,,,,,,,
"""""सुप्रभात मित्रो """"""
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जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...