कभी कभी मुझे लगता हे मेने काफी वक्त बीता दीया ,काफी देर हो गई . एक लंबे अरसे तक इस भ्रम में रहा की मैं औरों से बेहतर इन्सान हु या नहीं ,में लीख सकता हु की नहीं ,में अपनों की सेवा कर सकता हु की नहीं ,में अपनों के लीये आगे आ सकता हु की नहीं ! मैं ये भी मान कर चलता रहा की मै कमजोर तो नहीं हु ,,नहीं में कमजोर नहीं हु !, बेशक कुछेक कमज़ोरियां मुझ में रही हों। !मैं यह भी सोच रखता हु की में लिख सकता हु ,मै सेवा कर सकता हु , में अपनों के लिए आगे आ सकता हु ,में अपनी लेखनी के हुकुम से जरुर कुछ कर सकता हु !
हा ,मेने अपनी सोच बदली ,अपना नजरिया बदला ,अपने आप को प्रेरित किया कि नहीं रमेश ,,समय चला जायेगा ,कलम उठाओ और शुरू करो ,मेरी आत्मा ने गवाही दी ,मेरा साथ दिया और मेने वही किया जो दिल ने कहा और वही कर रहा हु ! अब तो लिखना मुझे अच्छा लगता हे !भगवान् ने इंसान बनाया हे ,,मै कवी बनने कि कोशिश करता हु !इंसान होना भाग्य हे पर कवी होना सौभाग्य हे ! मेरे सभी मित्रो का सहयोग एवं प्यार मुझे एहसास जरुर करवाता की मैं दूसरों की निगाह में भी मैं उतना ही श्रेष्ठ, बेहतरीन और अनुकरणीय हूं।
आपका अपना
रमेश भाई आंजना
09413885566
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