दो अक्षरो को मिलता हु तो शब्द बन जाते हे
दो शब्दो को मिलाता हु तो कविता बना जाती हे
क्या अजब मिटटी हे इस वतन की
दो कण मिल जाते हे तो पथ्थर बन जाता हे
दो पथ्थर मिल जाते हे तो घर बन जाता हे
" आर बी आँजणा "