Sunday, August 7, 2016

दो अक्षरो को मिलता हु तो शब्द बन जाते हे 
दो शब्दो को मिलाता हु तो कविता बना जाती हे 
क्या अजब मिटटी हे इस वतन की 
दो कण मिल जाते हे तो पथ्थर बन जाता हे 
दो पथ्थर मिल जाते हे तो घर बन जाता हे 
                                    " आर बी आँजणा "

Tuesday, August 2, 2016

इस देश का दुर्भाग्य तो देखो 
चपरासी बनना हे स्नातक होना जरुरी हे 
नेता बनाना हे 
अनपढ़ 
चोर लुटेरा 
माफिया 
गुंडा 
आजाओ सीधा नेता बना ज
ये संविधान रो रहा हे 
दम घुट रहा हे 

Sunday, July 24, 2016

कबुल  किया हे  इस चुनोती    को जिंदगी के नाम पर 
हल कर दूंगा सारी  मुश्किलें ,जिंदगी जीने के नाम पर 
                                                         आर बी आँजणा  
                                                         09413885566 
हवाओ में उड़ने वाले खयाली और इंसानी खगो को मेरी नसीहत हे की अपना जमीर और जमीं मत छोड़ना 
आसमान में आसियाने नही बने हे आखिर पैर धरती पर ही टिकेंगे ,,,,अपनी औकात का पल्लू मत छोड़ना 

वक्त के आने पर हर कोई   झुक जाता हे 
किनारे पर आकर भी तैराक डूब  जाता हे 
हर किसी को दुनिया का प्यार नसीब नही होता 
लाखो की भीड़ में भी इंसान अकेला खो जाता हे 
कल भी अकेला था आज भी अकेला हु 
घर के आँगन में 
हजारो आते हे,फिर हर इन्सां  बेजुबां 
चला जाता हे   

आर. बी. आँजणा 


कुछ इंसान कलंक हे समाज के नाम पर 
बड़ी बाते करते  हे बड़ा होने के नाम पर 
ड्रामेबाजी चलती हे उनकी 
पहचान के नाम पर 
जो कलंक हे बेटा- बेटी परिवार के लिए 
सिक्का चलाते हे वो समाज में 
इंसानियत के नाम पर 
वो भी खोटे  , सिक्का भी खोटा 
घूम कर वही आता  हे , उन्ही के पास 
खोटा  होने  के  नाम  पर      

                  आर. बी. आँजणा 



रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...