Sunday, July 24, 2016

कबुल  किया हे  इस चुनोती    को जिंदगी के नाम पर 
हल कर दूंगा सारी  मुश्किलें ,जिंदगी जीने के नाम पर 
                                                         आर बी आँजणा  
                                                         09413885566 
हवाओ में उड़ने वाले खयाली और इंसानी खगो को मेरी नसीहत हे की अपना जमीर और जमीं मत छोड़ना 
आसमान में आसियाने नही बने हे आखिर पैर धरती पर ही टिकेंगे ,,,,अपनी औकात का पल्लू मत छोड़ना 

वक्त के आने पर हर कोई   झुक जाता हे 
किनारे पर आकर भी तैराक डूब  जाता हे 
हर किसी को दुनिया का प्यार नसीब नही होता 
लाखो की भीड़ में भी इंसान अकेला खो जाता हे 
कल भी अकेला था आज भी अकेला हु 
घर के आँगन में 
हजारो आते हे,फिर हर इन्सां  बेजुबां 
चला जाता हे   

आर. बी. आँजणा 


कुछ इंसान कलंक हे समाज के नाम पर 
बड़ी बाते करते  हे बड़ा होने के नाम पर 
ड्रामेबाजी चलती हे उनकी 
पहचान के नाम पर 
जो कलंक हे बेटा- बेटी परिवार के लिए 
सिक्का चलाते हे वो समाज में 
इंसानियत के नाम पर 
वो भी खोटे  , सिक्का भी खोटा 
घूम कर वही आता  हे , उन्ही के पास 
खोटा  होने  के  नाम  पर      

                  आर. बी. आँजणा 



Tuesday, March 22, 2016

वो दिल में दबे ख्वाब
फिर से जागने लगे हे
ये जख्मी परिंदे
 फिर से उड़ने लगे हे
पनपती हुई वो नफरते
जलकर रख होने लगी हे
बदले में मुहब्बत के खजाने
मिलने लगे हे
बेसुरे आज महफ़िल में
फिर से गाने लगे हे
वो हसकर चुटकी बजाने वाले
महफ़िल में ताली बजाने लगे हे
जाबाज वतन के सैनिक
कातिल दुश्मन पर विजय पाने वाले हे
कायर वो दुश्मन
इनके हौसले से डरने लगे हे
देश का माहोल कुछ
प्यार मुहब्बत के परवान
चढ़ने लगा हे
लोग वतन के प्यार से
अब सहिष्णु होने लगे हे
जय हिन्द जय भारत
    लेखक :- आर बी आँजणा
                    09413885566 

Friday, March 18, 2016

आज वो मेरे सामने से चली गई 
पता नही क्यों बिना देखे ही चली गई 
में तो उसे देख कर ही सोचता रहा 
मगर वो बिना सोचे ही चली गई 
                            आ बी आँजणा 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...