Sunday, July 24, 2016

कुछ इंसान कलंक हे समाज के नाम पर 
बड़ी बाते करते  हे बड़ा होने के नाम पर 
ड्रामेबाजी चलती हे उनकी 
पहचान के नाम पर 
जो कलंक हे बेटा- बेटी परिवार के लिए 
सिक्का चलाते हे वो समाज में 
इंसानियत के नाम पर 
वो भी खोटे  , सिक्का भी खोटा 
घूम कर वही आता  हे , उन्ही के पास 
खोटा  होने  के  नाम  पर      

                  आर. बी. आँजणा 



Tuesday, March 22, 2016

वो दिल में दबे ख्वाब
फिर से जागने लगे हे
ये जख्मी परिंदे
 फिर से उड़ने लगे हे
पनपती हुई वो नफरते
जलकर रख होने लगी हे
बदले में मुहब्बत के खजाने
मिलने लगे हे
बेसुरे आज महफ़िल में
फिर से गाने लगे हे
वो हसकर चुटकी बजाने वाले
महफ़िल में ताली बजाने लगे हे
जाबाज वतन के सैनिक
कातिल दुश्मन पर विजय पाने वाले हे
कायर वो दुश्मन
इनके हौसले से डरने लगे हे
देश का माहोल कुछ
प्यार मुहब्बत के परवान
चढ़ने लगा हे
लोग वतन के प्यार से
अब सहिष्णु होने लगे हे
जय हिन्द जय भारत
    लेखक :- आर बी आँजणा
                    09413885566 

Friday, March 18, 2016

आज वो मेरे सामने से चली गई 
पता नही क्यों बिना देखे ही चली गई 
में तो उसे देख कर ही सोचता रहा 
मगर वो बिना सोचे ही चली गई 
                            आ बी आँजणा 

Thursday, March 17, 2016

लाखो के बैनरो तले
 कोई कफ़न को तरसता हे
खुले रेगिस्तान में
कोई दफ़न को तरसता हे
क्या सुनाऊ हाल ऐ दुनिया का
  कोई खाकर तरसता हे
तो  कोई खाने को तरसता हे
                  आर बी आंजना 
जो पहाड़ देखने के लिए दूरबीन का प्रयोग करे
वो गहराई क्या समझे कवियों के शब्दों की
जो जानते नही ,, कर्म में मशगूल इस शक्श को
वो गहराई क्या समझे ,,,रमेश तेरे  सपनो  की
                                               आर बी आंजना
                                                 09413885566

Saturday, March 12, 2016

जय गुरुदेव
श्री श्री बाल संत अभय दस जी महाराज
सतगुरु कबीर आश्रम तखतगढ़
और
श्री जगतगुरु केवलरामाचार्यजी

श्री कुपाजी महाराज द्वारा झितडा
रोहट पाली
घर पधारे
श्री उज्जैन क्षिप्रा तटे महाकुम्भ मेला 2016 
आमंत्रण पत्रिका देने  पुणे घर  पधारे
जय गुरुदेव

ए  मेरे मसरूफ खुदा 
जो बनाया उसे फुर्सत से देख ज़रा 
क्या बनाया था और 
क्या बन चला ये 
कुछ बदलने की कोशिस कर ज़रा 
                                 "आर बी आँजणा "

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...