कबीर पंथ की चादर ओढ़ने वाले रामपाल जी ने शायद यह दोहा तो पढ़ा ,,सुना ही होगा
कबीर का घर सोवटे ,, गाला कटन के पास
जो करता वो नर नहीं डरता,तो में क्यों फिरू उदास ......
आखिर हम सही हे
तो गलत तरीको की जरुरत क्यों हे
आखिर हम सच्चे हे
तो झूठ की जरुरत क्यों हे
अगर हम धर्म के रखक हे
तो धर्म कमांडो की जरुरत क्यों हे
आखिर हमें किसी से डर नहीं
तो छुपने की जरुरत क्यों हे
अगर धर्म को माया मोह नहीं
तो उन्हें पेसो की जरुरत क्यों हे
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और भी कई ऐसे सवाल हे जो रामपाल के आचरण को लेकर काफी लोगो के जहन में उमड़ रहे होंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कबीर का घर सोवटे ,, गाला कटन के पास
जो करता वो नर नहीं डरता,तो में क्यों फिरू उदास ......
आखिर हम सही हे
तो गलत तरीको की जरुरत क्यों हे
आखिर हम सच्चे हे
तो झूठ की जरुरत क्यों हे
अगर हम धर्म के रखक हे
तो धर्म कमांडो की जरुरत क्यों हे
आखिर हमें किसी से डर नहीं
तो छुपने की जरुरत क्यों हे
अगर धर्म को माया मोह नहीं
तो उन्हें पेसो की जरुरत क्यों हे
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और भी कई ऐसे सवाल हे जो रामपाल के आचरण को लेकर काफी लोगो के जहन में उमड़ रहे होंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,