Wednesday, October 15, 2014

देवो की देवी

माना  की  मै  नया  हु    ,इस   शहर में ईशा
पर कोई   शहर   नया   नहीं हे     , मेरे लिए

हां,  बेशक तू  मशहूर हे ईशा ,    तेरे शहर में 
कोई पहचानने वाला नहीं हे इस शहर में ,मेरे लिए

दोस्त हो या दुश्मन,कुछ यादे तो सबकी होती हे
पर दिल में आहो का समंदर हे  ईशा , तेरे लिए

यु तो कोई नहीं  दरकिनार  करता किसी को
मेने कुछ सोचकर बगावत की हे ईशा , तेरे लिए

तेरी जमीं परपैर रखाहे माँ कुछ तमन्नाओ के साथ
मानव सेवा का कायल हु में ,क्या सेवा हे मेरे लिए

कुछ अपनों व कुछ परायों के लिए बहुत आशाये हे मुझे  
तैयार  हु में, माँ ईशा, क्या आशीर्वाद हे मेरे लिए

                                    " आर बी आँजणा"
                                       09413885566

Sunday, October 12, 2014

जिंदगी का सबसे अच्छा वक्त
वो वक्त होता हे ,,,
जब हम बहुत सारी
कठिनाइयों से जूझकर
उन्हें मात  देकर
दुखो से उभर कर
उन्हें मात देकर
बाहर निकलते हे
और जो अनुभूति होती हे
एक एहसास होता हे
जो ख़ुशी होती हे
बस,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वही एक बहुत अच्छा वक्त होता हे
पूरी जिंदगी में खूबसूरत होता हे
                     शुभ  रात्रि मित्रो

Saturday, October 11, 2014

  ""तन्हाई ""

मेरी याद तो तुजे जरूर आएगी किसी मोड़ पर
जब यादआये  मेरी,उस मोड़ पर मुझे याद करना
याद जरूर होगा तुजे वो मंजर , वो खँडहर
अगर याद आये उस खँडहर पे,तो मुझे याद करना
रोना तो जरूर आएगा तुजे ,मेरी याद में
पर ,,,आंसू मत निकालना ,मुझे  याद करना
रात के अँधेरे में भी ,मेरी याद में सो नहीं पायेगी
पर जागना मत,आँखे बंद करके मुझे याद करना
                                       आर बी आँजना

                 "शुभ रात्रि मित्रो "
दिल में आहो का समंदर हे !
फिर भी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कुछ खुशिया हमारे अंदर हे !
                 आर बी आँजना

Friday, October 10, 2014

गुलशन में फूल खिलने वाले हे ,,,
तू भंवरी बन के बैठ,,,,,,,,,,,,,,,!
और उसी गुलशन से हम गुजरने वाले हे
तू भंवरी बन के बैठ,,,,,,,,,,,,,,,!
                    आर  बी  आँजणा

Saturday, September 13, 2014

हमें खास तजुर्बा हे दोरे- हाजिर दहर का
यहाँ इमानदारो के बीच बेईमान बच जाता हे
क्या बताये आलम इस सर- सब्ज व शादाब का
यहाँ बेईमानो के बीच ईमानदार बिक जाता हे
देख के हालत अबला की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
इस पाकीजा जम्मूरियत में
तबस्सुम से सरोबार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
इंसान का दिल भी टूट जाता हे
कबीले- दीद हे नफ्सियात आज के इंसान की
दो पैसे के खेल में ,,यहाँ अस्मत लूट जाती हे
बड़ी गर्दिशे हे जिंदगी में ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किसे सुनाऊ किस्सा - ए- दिल रमेश
यहाँ तो कायनात ही ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शोरे - आहो - फुगा में मशगूल रहती हे
""आर .बी. आँजना""
09413885566
ये मत पूछ की  ,,,खलाओ से ,,,,,
                    क्यों मेरी दोस्ती हे  !
मेरी मंजिल  तो   वही   हे
बाकि सब तो ,,,,,,बस ,,,,,,,
                    कागज की कस्ती हे !!

                    " आर . बी . आँजना"

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...