हमें खास तजुर्बा हे दोरे- हाजिर दहर का
यहाँ इमानदारो के बीच बेईमान बच जाता हे
क्या बताये आलम इस सर- सब्ज व शादाब का
यहाँ बेईमानो के बीच ईमानदार बिक जाता हे
देख के हालत अबला की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
इस पाकीजा जम्मूरियत में
तबस्सुम से सरोबार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
इंसान का दिल भी टूट जाता हे
कबीले- दीद हे नफ्सियात आज के इंसान की
दो पैसे के खेल में ,,यहाँ अस्मत लूट जाती हे
बड़ी गर्दिशे हे जिंदगी में ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किसे सुनाऊ किस्सा - ए- दिल रमेश
यहाँ तो कायनात ही ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शोरे - आहो - फुगा में मशगूल रहती हे
""आर .बी. आँजना""
09413885566