Saturday, September 13, 2014

ये मत पूछ की  ,,,खलाओ से ,,,,,
                    क्यों मेरी दोस्ती हे  !
मेरी मंजिल  तो   वही   हे
बाकि सब तो ,,,,,,बस ,,,,,,,
                    कागज की कस्ती हे !!

                    " आर . बी . आँजना"

Sunday, September 7, 2014

मेह्खानो के दोस्त हमारे निराले हे !
कौन नापे .
कौन गिने ,,,,,,
हमारे पैमानों को ......
यहाँ सबके अपने ,,अंदाज निराले हे !

           "आर बी आँजना"
वो उधर बेजार हे ,
हम इधर बेजार हे ,
कोन समझे ,,,,,
तेरी बेरुखी रमेश
यहाँ तो सब बेजार हे !
           "आर बी आँजना"
तुजे नशा किस  बात  का  हे  मेरे  दोस्त
यही कमाया हे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
यही छोड़कर जाने वाला हे !
तू रुशनास नहीं हे हकीकत ए जिंदगी से
मूर्खो की दुनिया में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आज तू राजा बनाने वाला हे   !  
                 आर बी आँजना


Wednesday, September 3, 2014

चली  गई वो  कमसिनी में ....
यु इतरा के ,,,,,,,,,
जाते जाते छोड़ गई ...........
एक तबस्सुम ,,,,,,,,,,,,,,,,,!

              गुड मॉर्निंग मित्रो
                आर बी आँजना

Sunday, August 31, 2014

शोहरत की बुलंदी तो कुछ पल का तमाशा हे बन्दे ,,,
जरा संभल के बैठना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जिस डाल पे बैठे हो ,,,वो टूट भी सकती हे .......?
हर तरफ खूँरेजी ,,और नफरत के शोले क्यों भड़क रहे हे ?
इंसान तो पहले भी वही था ,,,और आज भी वही हे .!

                                          आर बी आँजना

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...