Sunday, August 31, 2014

शोहरत की बुलंदी तो कुछ पल का तमाशा हे बन्दे ,,,
जरा संभल के बैठना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जिस डाल पे बैठे हो ,,,वो टूट भी सकती हे .......?
हर तरफ खूँरेजी ,,और नफरत के शोले क्यों भड़क रहे हे ?
इंसान तो पहले भी वही था ,,,और आज भी वही हे .!

                                          आर बी आँजना

Saturday, August 30, 2014

हा ,,,,यह सच हे कि,,,
मै,,,,,,,,,,,,
मेरी छाया को पकड़ नही सकता
पर यह भी  सच हे कि .........
यदि मै ,,,,,,,,,
खुद को पकड़ लू तो,,,,,
छाया खुद ब खुद
पकड़ मे आ जाएगी ,,, !
           
                 आर बी आंजना
हस्ते चेहरों को देख
अक्सर  हम सोचते हे
वह क्या जिंदगी हे ....
पर ,,,,,,
यह जरुरी नहीं की
उनके दुःख ना हो
जो दुनिया के सामने
रोया  नहीं करते  ...
      आर बी आँजना

Friday, August 29, 2014

वो कागज की कस्ती
 वो गांव की बस्ती
वो हंसी ,,, वो खेल
वो  मस्ती ,,वो नादानी
क्या वो बचपन था
छोड़ के सब ,,,,,
निकले थे शहर  हो
सपने सजाने
आज घर ही ,,,,
एक सपना बन गया
छीन  लो मेरी धन दौलत
तैयार हु में .....चाहे
छीन लो मेरी जवानी
मुझे मेरा बचपन लोटा दो

Saturday, August 23, 2014

ये वक्त का तकाजा हे 
वक्त क्या करेगा
वक्त कब करेगा
वक्त किस वक्त पर क्या करेगा
ये तो वक्त ही बताएगा
ये वक्त का तकाजा हे
किसे कहा चढ़ा दे
किसे कहा गिरा दे
किसे क्या बना दे
ये तो वक्त ही बताएगा
ये वक्त का तकाजा हे
किसे कब मिला दे
किसका कब साथ छुड़ा दे
कब किसे धनवान बना दे
किसे कब गरीब बना दे
किसको अपनों का साथ छुड़ा दे
किसे कब अपनों से मिला दे
वक्त क्या कर दे
वक्त कब कर दे
वक्त क्या करेगा
वक्त कब करेगा
वक्त किस वक्त पर क्या करेगा
ये तो वक्त ही बताएगा
ये वक्त का तकाजा हे
            आर बी आँजना

Wednesday, August 20, 2014



लूट ले मुझे  चाहे ये दुनिया
लूट ले चाहे देह का कपड़ा
आखिर मेरी किस्मत तो
मेरी मुठ्ठी में बंद  हे !
देखा रहा हु सारे जहा को
बीच ,,इंसानो के मेले से
वैसे चस्मा तो ,,,,,,,
मेने शोक के लिए  लगाया हे
कौन कहता हे
                                                                                    मेरी आँखे बंद हे !
                                                                                                           "" आर बी आँजना""

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...