मित्रो आज दिन में NDTV पर एक डिबेट देख रहा था ! कभी कभी लगता हे की हमारे देश का मीडिया भी कुछ मामले ज्यादा ही सेंसिटिव बना देता हे !ना कभी संघ देश बाँटने की बात करता ,,ना कोई और संघटन,, पर हां मीडिया के लिए जरूर वो बात सुर्खिया बन जाती हे ! कभी कभी कुछ बाते मीडिया को संभलकर आगे लानी चाहिए ताकि लोगो को कोई गलत सन्देश ना जये !ऐसा मुझे लगता हे !,उसने बोला ये हिन्दू ,,,उसने बोला वो मुसलमान ! भारत उसका हे वो हमारा हे ,,,पता नहीं कोण किसका हे ,,,किसने बांटा हे ,,,कोण किसको किसकी जागीर समझता हे ! पर सुर्खिया गरम जरूर हो जाती हे ! पता नहीं चलता की इंसान की परिभाषा क्या हे ,,,,,बस यही सिर्फ की वह हिन्दू ,,,यह मुसलमान ,,,वो सिख ,,ये ईसाई ? नहीं समझ आता मित्रो .....
चार लाइन लिखी जो आपसे साझा करता हु ..........
कोई कहता हे यह मुस्किल हे
कोई कहता हे यह नामुमकिन हे
जरा घर से निकल के देखो
रास्ता साफ़ नजर आएगा
जरा आगे बढ़ के देखो
मंजिल अपनी ही नजर आएगी
कोई कहता हे यह हिन्दू हे
कोई कहता हे वह मुसलमान हे
कोई कहता हे यह सिख हे
कोई कहता हे वह ईसाई हे
ज़रा धर्म के चश्मे उतार कर देखो
सब इंसान नजर आएंगे
"आर . बी . आँजना"