वक्त तेरे पास भी नहीं हे
वक्त मेरे पास भी नहीं हे
नया तू भी इस शहर में हे
नया में भी इस शहर में हु
ना कोई तेरा अपना इस शहर में हे
ना कोई मेरा बेगाना इस शहर में हे
खुमार तुजे भी हे इस मुफलिसी का
खुमार मुझे भी हे इस गरीबी का
भरी हुजूम में सो रहा हे तू भी
भरी हुजूम में सो रहा हु में भी
डर तुझे भी होगा इन काली शबो का
डर मुझे भी हे इन काली शबो का
ना तेरे सर पे सायबा हे
ना मेरे सर पे सायबा हे
कड़कड़ाती सर्द रातो में ,,,,
सिकुड़ गई हे देह तेरी भी
कड़कड़ाती सर्द रातो में ...
सिकुड़ गई हे देह मेरी भी
तेरी अस्मत की चिन्ता तुझे भी होगी
मेरी अस्मत की चिन्ता मुझे भी हे
कुछ ख्वाब तेरे भी होंगे
कुछ ख्वाब मेरे भी हे
किसी का सौदाई तू भी होगा
किसी का सौदाई में भी हु
ऐ मेरे काली रातो के मुफ़लिस दोस्त
कुछ पल और हे ,,,सहर होने को आई हे
मुद्दुआ तो आखिर दोनों की एक ही हे
जिंदगी तुझे भी जिनि हे
जिंदगी मुझे भी जिनि हे
चल उठा मेंहनत के हथियार
तोड़ डाले इस मुफलिसी की दीवार को
बता दे ज़माने को कि.......
कुछ तुम भी हो तो
कुछ हम भी हे
कुछ ज़माना भी हे
तो कुछ हम भी हे
"आर . बी . आँजना"
वक्त मेरे पास भी नहीं हे
नया तू भी इस शहर में हे
नया में भी इस शहर में हु
ना कोई तेरा अपना इस शहर में हे
ना कोई मेरा बेगाना इस शहर में हे
खुमार तुजे भी हे इस मुफलिसी का
खुमार मुझे भी हे इस गरीबी का
भरी हुजूम में सो रहा हे तू भी
भरी हुजूम में सो रहा हु में भी
डर तुझे भी होगा इन काली शबो का
डर मुझे भी हे इन काली शबो का
ना तेरे सर पे सायबा हे
ना मेरे सर पे सायबा हे
कड़कड़ाती सर्द रातो में ,,,,
सिकुड़ गई हे देह तेरी भी
कड़कड़ाती सर्द रातो में ...
सिकुड़ गई हे देह मेरी भी
तेरी अस्मत की चिन्ता तुझे भी होगी
मेरी अस्मत की चिन्ता मुझे भी हे
कुछ ख्वाब तेरे भी होंगे
कुछ ख्वाब मेरे भी हे
किसी का सौदाई तू भी होगा
किसी का सौदाई में भी हु
ऐ मेरे काली रातो के मुफ़लिस दोस्त
कुछ पल और हे ,,,सहर होने को आई हे
मुद्दुआ तो आखिर दोनों की एक ही हे
जिंदगी तुझे भी जिनि हे
जिंदगी मुझे भी जिनि हे
चल उठा मेंहनत के हथियार
तोड़ डाले इस मुफलिसी की दीवार को
बता दे ज़माने को कि.......
कुछ तुम भी हो तो
कुछ हम भी हे
कुछ ज़माना भी हे
तो कुछ हम भी हे
"आर . बी . आँजना"