Tuesday, October 8, 2013

इन्तजार -ए -प्यार


रो रो  कर जीना,,,,,,,,,,,
 जब आदत  बन  जाती हे 
ख्वाबो की दुनीया ,,,,,,,
बेरंग नजर आती हे 
झर्ने शोर मचाते हे ,,,,,
मगर ,,,,,,,,,
नदीया शान्त बहती हे,,,,,,,
सुनो ओ मेह्बुबा ,,,,,,
प्यार मे  खुद को महफुज मान्ना 
इसे खुदा का दीया,,,,,,,,,,,,,
एक ताबीज  मान्ना 
ए बेवफा सनम ,,,,,,
उसुल- ए -जीन्दगी से … 
खफा मत होना ,,,,,
क्योकी,,,,, 
कोइ इन्तजार कर्ता हे 
कीसी का  जीन्दगी भर ,,,,,,
तो,,,,,,,,
कीसी की जीन्दगी ,,,,,
सीर्फ   इन्तजार मे गुजर जाती हे ,,,,,  
                              
                            आर .बी. आंजना 


Monday, August 19, 2013

आज भी में  तनहा हु 


कितनी सर्द राते गुजारी
मेने। ……
तेरे इंतजार में
कितने हसीन  पल बिताये
अकेलेपन में ,,,,
पहुच  के महखाने
हर पल याद किया तुजे
तन्हाई में ,,,,
रोती  रही आँखे ,,,,
बिलखता रहा मन
 सेकड़ो बहाने ढूंढे
मेने ,,,,,
खुश रहने के  लिए
 पर
फिर भी
तुम ,,,,,,,,,
नहीं धुंध पी
वो   एक पल
कि ,,,,,,,,
पीछे मुद
के
देख सको
मेरी  इस तन्हाई को /////////

Thursday, August 1, 2013

हर चुनोती ,,,हर आपदा ,,,हर मुस्किल से हमें लड़ना हे,,,
घने कुहरे एवं पहाड़ो को चीरकर,,,,रास्ता हमें बनाना हे 
क्षितिज के छोर के, ,,, स्वर्णिम उजाले के ,लिए,,,,
जिंदगी चलती रहती हे,,,,,भोर लाने के लिए,,,,,,,,

"""""सुप्रभात मित्रो """"""

Wednesday, July 24, 2013

मुझे अपने पेरो पर चलना हे .
 मुझे अपने वादों पर चलना हे
मुझे अपने दर से लड़ना हे
मुझे अपने कर्म पर डटना हे
क्योकि
 मुझे
 दुनिया को वश में करना हे 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...