रो रो कर जीना,,,,,,,,,,,
जब आदत बन जाती हे
ख्वाबो की दुनीया ,,,,,,,
बेरंग नजर आती हे
झर्ने शोर मचाते हे ,,,,,
मगर ,,,,,,,,,
नदीया शान्त बहती हे,,,,,,,
सुनो ओ मेह्बुबा ,,,,,,
प्यार मे खुद को महफुज मान्ना
इसे खुदा का दीया,,,,,,,,,,,,,
एक ताबीज
मान्ना
ए बेवफा सनम ,,,,,,
उसुल- ए -जीन्दगी से …
खफा मत होना ,,,,,
क्योकी,,,,,
कोइ इन्तजार कर्ता हे
कीसी का
जीन्दगी भर ,,,,,,
तो,,,,,,,,
कीसी की जीन्दगी ,,,,,
सीर्फ इन्तजार मे गुजर जाती हे ,,,,,
आर .बी. आंजना