Saturday, February 28, 2015

मार दिया अपनों को अपनों ने ,,,
सिर्फ दो कातिल लफ्जो से ,
वरना गेरो की क्या ओकात ,,
जो बन्दूको से मार    सके...
               "आर बी आँजणा "
दुनिया जब रो रो कर कहती हे
फ़साने .दर्दे -दिलो के ,....
जमाना मुस्कुराता हे मुह फेर के
"आर बी आँजणा "

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...