Sunday, November 30, 2014

क्यों  रोता हे अकेला
दो आंसू मुझे भी दे दे
मत तड़प तू अकेला
थोड़ा सा दुःख जरा ,, बयां कर दे
गाव से आया हु शहर की तरफ
थोड़ा सा काम मुझे भी दे दे
पुरखो की वो अमानत साथ लाया हु
थोड़ी सी सभ्यता ,,संस्कृति तू भी ले ले
थोड़ी सी अमानत बाँट  दे ,,
जरुरत मन्दो  को .......की
ये आरजू रहे उनकी ख़ुदा से ,,
थोड़ी सी चैन ,,,शांति ,,,,
वो........तुजे भी दे दे
             आर बी आँजणा

Wednesday, November 19, 2014

कबीर पंथ की चादर ओढ़ने वाले रामपाल जी ने शायद यह दोहा तो पढ़ा ,,सुना ही होगा

कबीर का घर सोवटे ,,    गाला कटन के पास
जो करता वो नर नहीं डरता,तो में क्यों फिरू उदास ......

आखिर हम सही हे
तो गलत तरीको  की जरुरत क्यों हे
आखिर हम सच्चे   हे
तो झूठ की जरुरत क्यों हे
अगर हम धर्म के रखक हे
तो धर्म  कमांडो  की जरुरत क्यों हे
आखिर हमें किसी से डर नहीं
तो छुपने की जरुरत क्यों हे
अगर धर्म को माया मोह नहीं
तो उन्हें पेसो की जरुरत क्यों हे
,,,,,,,,,,,,,
और भी कई ऐसे सवाल हे जो रामपाल के आचरण को लेकर काफी लोगो के जहन में उमड़ रहे होंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


 संत रामपाल ने कबीर पंथ की चादर ओढ़कर इस तरह का आचरण किया ,,,ये कबीर पंथ का आचरण नहीं हे ,,,,

Wednesday, November 5, 2014

  ""तन्हाई ""

मेरी याद तो तुजे जरूर आएगी किसी मोड़ पर
जब यादआये  मेरी,उस मोड़ पर मुझे याद करना
याद जरूर होगा तुजे वो मंजर , वो खँडहर
अगर याद आये उस खँडहर पे,तो मुझे याद करना
रोना तो जरूर आएगा तुजे ,मेरी याद में
पर ,,,आंसू मत निकालना ,मुझे  याद करना
रात के अँधेरे में भी ,मेरी याद में सो नहीं पायेगी
पर जागना मत,आँखे बंद करके मुझे याद करना
                                       आर बी आँजना

Monday, November 3, 2014

आज   आलम   ठीक  नहीं  हे
ये  फरमान   मत    सुनाना
जनाजो पर पाबंदी हे आजकल
मोत का फरमान मत सुनाना
बाजारे सियासत गरम हे फिलहाल
हर मसले को राजनीति मत बनाना
हर नफरत पर काबू यही पाती हे
तू मुहब्बत   से  मुह  मत मोड़ना
यही  तो  एक  आभूषण हे तेरा
बस अपनी मुस्कराहट मत छोड़ना
लाख ज़माना परेशान करे तुजे
तू अपना  उसूल  मत   छोड़ना
जहा  जाओगे  मिल  जाऊंगा  रमेश  
बस,, दुआ सलाम जरूर पूछते रहना
यही  तो इंसानियत का खेल हे दोस्त 
हर   शक्श  को  अपना बनाके  रखना
                    आर बी आँजणा
                       जय श्री राम

Saturday, November 1, 2014

काश,,, हवा  से  नशा   होता
हम मदिरा हवा में मिला देते
शुक्र हे भगवान का ,,,,,,,,,,
इंसान उड़ नहीं सकता ,,,,,
वरना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ये आसमान को भी हिला देते
               आर बी आँजणा
                शुभ रात्रि मित्रो

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सटीक रामबाण

  जो सोचा नही था , वो समय आज गया । ऐसा समय आया कि लोगो को सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि उस समय क्या किया जाए । आज की लोगो की जीवनशैली की वजह से...